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July 26, 2018Far far away, behind the word mountains, far from the countries Vokalia and Consonantia.
‘संस्कृति संस्कृत संस्कार शिक्षा समिति’ एक पञ्जीकृत गैर लाभकारी अशासकीय संगठन (समिति) है, जो कि मध्य प्रदेश के ग्राम बरौदी, जिला दतिया, में सन् 2003 से सक्रिय रूप से कार्यरत है । समिति की स्थापना भारतीय ज्ञान परम्परा (Indian Knowledge System) में निहित शैक्षणिक एवं अकादमिक उद्देश्यों को पूर्ण करने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, संस्कार, सभ्यता, नैतिकता, वैदिक ज्ञान-विज्ञान, उपनिषद् एवं ऋषियों की महनीय परम्परा के शिक्षण तथा उन्हें संरक्षित करने के लिए की गयी है।
शैक्षणिक एवं अकादमिक उद्देश्यों को पूर्ण करने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति तथा उन्हें संरक्षित करने के लिए की गयी है।
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संस्कृति संरक्षण के समस्त कार्य यथा भारतीय संस्कृति, साहित्य एवं कलाओं के प्रचार–प्रसार, उन्मुखीकरण व परिपोषण हेतु सांस्कृतिक, साहित्यिक कार्यक्रम, राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, सभा, संगोष्ठी, चर्चा, परिसंवाद, सम्मलेन आदि का समुचित एवं व्यापक स्तर पर आयोजन करना तथा संस्कृति के प्रतीक मठ –मन्दिरों का संरक्षण, जीर्णोद्धार व प्रबन्धन आदि की व्यवस्था करना ।
संस्कृत भाषा में निहित ज्ञान-विज्ञान, वेद-वेदांग, पुराण, इतिहास, धर्मशास्त्र, दर्शन, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष, गणित, वास्तु, शिल्प, आदि विशालतम “संस्कृत ज्ञान परम्परा” के संरक्षण, संवर्धन, लोकव्यापीकरण, पुनरुत्थान एवं अनुसन्धान हेतु शैक्षणिक संस्थानों, विद्यालयों, गुरुकुलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, प्रतिष्ठानों, ग्रन्थालयों, शोधकेन्द्रों आदि की स्थापना करना तथा शिक्षण-प्रशिक्षण, अध्ययन-अध्यापन एवं शोध की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करना ।
संस्कार शिबिरों के माध्यम से बालक-बालिकाओं, किशोरों, तरुणों एवं युवाओं को भारतीय वैदिक सभ्यता, सनातन संस्कृति, सामाजिक व पारिवारिक जीवन मूल्यों, वैदिक-लौकिक परम्पराओं, भारतीय व्रत-पर्वों, त्योहारों एवं उत्सवों के प्रति जागरुक करना, हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार व विस्तार के लिए कार्य करना ।
शिक्षा के विविध आयामों यथा साक्षरता, पारम्परिक बालशिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, गुरुकुल शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, उच्च शिक्षा, वैकल्पिक शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा, मूल्य शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, महिला शिक्षा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में समस्त प्रकार के कार्य तथा शिक्षण-प्रशिक्षण आदि प्रदान करना ।
पर्यावरण संरक्षण एवं ऋतुचक्र संवर्धन के लिए समस्त प्रकार के कार्य करना यथा अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण प्रेरणा कार्यक्रम आयोजित करना, वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, ग्रामीण व नगरीय स्तर पर वन, उपवन, वाटिका, उद्यानों आदि के निर्माण को प्रोत्साहित करना उनके संरक्षण व संवर्धन के प्रति जागरुकता लाना व हरियाली समृद्धि के लिए सतत कार्य करना ।
जलसंरक्षण के लिए समस्त प्रकार के कार्य करना यथा पेयजल, जलाशय, नदी, तालाब, कूप, पर्वतीयजल, वर्षाजल, एवं प्राकृतिक जलीय स्रोतों के संरक्षण, संवर्धन व स्वच्छता के लिए कार्य करना तथा वर्षा जल संरक्षण के लिए आवासीय परिसरों में वाटर हार्वेस्टिंग आदि के लिए जागरुकता लाना ।
कृषि व खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य करना यथा जैविक कृषि, गोबर खाद, जैविक खाद, कम्पोस्ट, बर्मी कम्पोस्ट, हरित खाद तथा कचरा खाद आदि के लिए जागरुकता लाना तथा आधुनिक कृषियन्त्रों व उपकरणों के माध्यम से उन्नत तकनीकी युक्त कृषि करने के लिए कृषकों को प्रेरित करने हेतु समय–समय पर शिक्षण-प्रशिक्षण, संवाद, परिचर्चा, कार्यशाला आदि आयोजित करना तथा व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करना ।
सौर-ऊर्जा एवं प्राकृतिक ऊर्जा के क्षेत्र में समस्त प्रकार के कार्य करना यथा ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों तथा वन्य क्षेत्रों में सौर व प्राकृतिक ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य करना ।
महिला एवं बाल विकास से जुड़े समस्त विषयों पर कार्य करना यथा महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा रोकथाम, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक असमानता उन्मूलन, बाल संरक्षण, बालश्रम निषेध, कुपोषण उन्मूलन आदि के लिए ऐसे समस्त कार्य करना जिनसे महिला एवं बाल विकास के मूल उद्देश्यों को पूर्ण किया जा सके । .
अनुसूचित जातियों-जनजातियों (दलित एवं आदिवासी), पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक रूप से नि:शक्त सामान्य श्रेणी तथा शारीरिक रूप से अक्षम दिव्यांगों (विकलांगों) के कल्याण, सार्वभौमिक उत्थान एवं सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक प्रगति के लिए नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करना ।
ग्राम विकास व पंचायती राज से सम्बन्धित समस्त कार्य करना यथा ग्रामीण एवं पंचायत स्तर पर निवास करने वाले स्थानीय ग्रामीण समुदाय की सार्वभौमिक समुन्नति के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता व परिवार कल्याण हेतु जागरुकता सहयोग एवं मार्गदर्शन कार्यक्रमों का समय – समय पर समुचित आयोजन करना तथा गरीबी उन्मूलन के लिए उचित कार्य करना ।
गौवंश एवं पशुधन संवर्धन के लिए समस्त प्रकार के कार्य करना यथा गौशाला निर्माण एवं प्रबंधन, गोचर भूमि संरक्षण व संवर्धन, दुग्धशाला (डेयरी) संचालन, तत्सम्बन्धी शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा कार्यशालाओं का आयोजन, पशु स्वास्थ्य, पशु क्रूरता निवारण आदि लोकोपकारी कार्य करना ।
कौशल विकास व आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित व प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से पारम्परिक एवं आधुनिक कौशल विकास केन्द्रित व्यावसायिक शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशाला एवं विशेष शिबिरों का आयोजन करना तथा उन्मुखीकरण कार्य करना ।
राष्ट्र निर्माण व सामाजिक समरसता के लिए सतत कार्य करना, सर्वधर्म समभाव, सामुदायिक सद्भाव, शान्ति, अहिंसा, राष्ट्रहित, राष्ट्रकल्याण, राष्ट्रप्रेम व राष्ट्रीय एकता के साथ राष्ट्रवादी सिद्धान्तों एवं विचारों की स्थापना के लिए कार्य करना ।
Far far away, behind the word mountains, far from the countries Vokalia and Consonantia.
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Far far away, behind the word mountains, far from the countries Vokalia and Consonantia.